आज ही जानिए पीरियड न आने के कारण और उपाय - करें इलाज - How to get periods immediately if delayed
रोग परिचय — इस रोग में मासिकधर्म बिल्कुल ही बन्द हो जाता है अथवा नियत समय से बहुत देर बाद अल्प मात्रा में दर्द और कष्ट से आता है। यदि रजोधर्म आरम्भ से ही बन्द हो तो ‘आरम्भिक कष्टार्तव (प्राइमरी ऐमेनोरिया) और यदि मासिक धर्म पहले नियमित रूप से आता रहा हो और बाद में किसी विकार के कारण बन्द हो गया हो तो सेकेन्डी ऐमेनोरिया कहलाता है। मासिक धर्म चक्र एक महिला के प्रजनन स्वास्थ्य का एक मूलभूत पहलू है। हालाँकि कभी-कभी मासिक धर्म अप्रत्याशित रूप से रुक सकता है। जिससे चिंता पैदा हो सकती है और अंतर्निहित कारणों और संभावित समाधानों के बारे में सवाल उठ सकते हैं। मासिक धर्म रुकने के पीछे के कारणों को समझना और उन्हें वापस लाने के प्रभावी तरीकों की खोज करना महिलाओं की भलाई और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। आज इस लेख में हम जानेगे की महिलाएं अपना रुका हुआ पीरियड लाने के घरेलू उपाय कैसे कर सकती है। इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे रुका हुआ पीरियड लाने की दवा का नाम भी जानेंगे जिससे उनको अपनी तकलीफ से छुटकारा मिल सके। तथा यह भी जानेंगे की महिलाओं को क्या खाने से पीरियड आता है।
पीरियड बंद होने के लक्षण - Period band hone ke lakshan
इस रोग से ग्रसित महिला के लक्षण-रक्त घट जाने या पतला हो जाने पर शरीर का रंग फीका, मुख पीला, होंठ, आँखों के पपोटे और नाखून सफेद हो जाते हैं। शारीरिक कमजोरी और सुस्ती छायी रहती है। साँस फूलने लगता है। यह लक्षण रक्त की कमी और शारीरिक निर्बलता के है। यदि रोगिणी में चर्बी की अधिकता हो वह मोटी हो तो उसके अंग टूटते हैं। पेडू, कमर, जाँघ और कूल्हों में दर्द तथा भारीपन होता है। इसके अलावा मासिक धर्म बंद होने के लक्षण नीचे दिए गए है।
- यदि रक्त गाढ़ा होना इस रोग का कारण हो तो कफ और बात के लक्षण पाए जाते हैं। यदि पिच्यूटी ग्लैन्ड के विकारों के कारण यह रोग हो तो जननेन्द्रियों में कमजोरी हो जाती है और समय से पूर्व ही बुढ़ापे के लक्षण प्रकट हो जाते है जिसके कारण शारीरिक तापमान भी कम हो जाता है। यदि गर्भाशय में शुष्कता, सर्दी या गर्मी के कारण यह रोग हो तो स्त्री में सूखापन, सर्दी या गर्मी के लक्षण पाए जाते हैं।
- इसके अलावा मोटापा और कफ की अधिकता के कारण इस रोग में हाजमा खराब रहता है नींद भी अधिक आती है तथा अधिक गर्मी के कारण रोग होने पर प्यास अधिक लगती है मूत्र जलन के साथ पीले या लाल रंग का आता है तथा गर्भाशय में गर्मी प्रतीत होती है। मितली वमन, शरीर में गर्मी, हाथ-पैरों में जलन, सिर चकराना, स्तनों में दर्द और कमर दर्द इत्यादि कष्ट उत्पन्न हो जाते हैं। अन्य रोगो की जानकारी के बारे में और पढ़े।
पीरियड लेट आने के क्या कारण हो सकते है?
पीरियड रुक रुक के आना क्या कारण है – इस रोग का प्रथम कारण जन्म से गर्भाशय या डिम्बाशय का न होना या बहुत छोटा होना होता है । डिम्बाशय का सम्बन्ध पिच्यूट्री ग्लैन्ड से होता है। इसलिए यदि इस ग्लैन्ड में कोई विकार हो तो भी डिम्बाशय का पूरा पालन पोषण नहीं हो सकता है। जो बाद में पीरियड न आने का कारण बनता है। मासिक धर्म का न आना जिसे चिकित्सकीय भाषा में एमेनोरिया कहा जाता है। आज इस लेख में हेल्थस्जसन के साथ हम पीरियड न आने के कारण और उपाय पर चर्चा करेंगे जिसके शामिल है।
- रक्त अल्पता अथवा रक्त का अत्यधिक गाढ़ा हो जाना अथवा कोई पुराने रोग जैसे—मधुमेह, क्षय, कैन्सर, वृक्कों सम्बन्धी रोग, दिल, यकृत अथवा आमाशय सम्बन्धी कई रोग, नर्वस सम्बन्धी कई रोग, मासिक के समय अथवा मासिक के पूर्व सर्दी लग जाना, ठण्डे पानी से नहाना धोना, गर्मी की अधिकता, गर्भ धारण होने का भय या थायराइड इत्यादि ग्लैन्डों की खराबियाँ हैं। योनि या गर्भाशय के मुख का बन्द और बहुत मोटा तथा बिना छेद वाला होना इस रोग का कारण हुआ करता है।
- जीवनशैली के कई तत्व मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकते हैं। तनाव, अत्यधिक व्यायाम, वजन में भारी बदलाव और खराब पोषण सामान्य कारक हैं जो नियमित मासिक धर्म को बाधित कर सकते हैं। तनाव, विशेष रूप से, हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है। जिससे संभावित रूप से मासिक धर्म चक्र यानि पीरियड्स में अनियमितताएं हो सकती हैं।
- गर्भाशय का द्वार बन्द होने या ‘हाईमन’ (कुमारी पर्दा) मोटा होने के कारण यह रोग हो तो — प्रत्येक मास निश्चित दिनों में योनि और गर्भाशय – में रक्त जमा होकर भांति-भांति के कष्ट और विकारों की उत्पत्ति हुआ करती है। और कभी-कभी पेडू में उभार भी पैदा हो जाया करता है। यदि गर्भाशय, योनि, ‘फैलोपियन ट्यूब और डिम्ब ग्रन्थियों की खराबियाँ जन्मजात हों तो यह रोग आरम्भ से ही होता है।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ भी मासिक धर्म रुकने का कारण बन सकती हैं। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), थायरॉयड विकार और प्रजनन प्रणाली की जटिलताएं मासिक धर्म की नियमितता को प्रभावित करने वाले संभावित अंतर्निहित मुद्दों में से हैं।
- हार्मोनल असंतुलन जो अक्सर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में व्यवधान से उत्पन्न होता है। मासिक धर्म चक्र में न आने का कारण बन सकता है। ये असंतुलन तनाव, दवाओं या अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों सहित विभिन्न कारकों के परिणामस्वरूप हो सकते हैं।
इस रोग के कारण विभिन्न प्रकार के गर्भाशय के रोग जैसे — गर्भाशय की पीड़ा, गर्भाशय की शोध, गर्भाशय में पानी पड़ जाना, हिस्टीरिया आदि तथा अजीर्ण, यकृत दोष, वृक्क शोथ, उन्माद, जलोदर, पक्षाघात, सिर चकराना, सिर- दर्द हो जाते हैं। यदि आपको मासिक धर्म में देरी का अनुभव हो रहा है। और यदि आप यह समझते है कि यह गर्भावस्था के कारण नहीं है। तो अंतर्निहित कारणों का पता लगाने के लिए और इससे सम्बंधित उचित कदम उठाने के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना आवश्यक है। अपनी समस्या का बिना डरे समाधान करने के लिए अभी नीचे दिए बटन पर क्लिक करके डॉक्टर से बात करें।
पीरियड जल्दी लाने का उपाय घरेलू - Period jaldi lane ke gharelu upay
मासिक धर्म रुकने का अनुभव होने पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मासिक धर्म को प्रेरित करने के लिए घरेलू उपचार सावधानी के साथ और अधिमानतः चिकित्सा मार्गदर्शन के तहत किया जाना चाहिए। हालाँकि, कुछ प्राकृतिक तरीके जिनके बारे में कुछ लोगों का मानना है कि मासिक धर्म को उत्तेजित करने में मदद करते है। पीरियड्स लाने के उपाय में शामिल हैं:
- लोहाभस्म 1 रत्ती सुबह-शाम तथा लोहासव, द्राक्षारिष्ट और कुमार्यासव का निरन्तर सेवन अत्यन्त ही लाभदायक है। घी, दूध, मक्खन का सेवन रक्त उत्पन्न करने हेतु अत्यन्त उपयोगी है।
- कुछ लोगों का मानना है कि अदरक की चाय पीना या विभिन्न रूपों में अदरक का सेवन रक्त प्रवाह को उत्तेजित करने और संभावित रूप से मासिक धर्म की शुरुआत को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।
- यदि स्त्री में रक्त कम हो गया हो तो — रक्त बढ़ाने वाले योगों का प्रयोग करें। जिसमें कई प्रकार की दवाएं भी शामिल हो सकती है। खून बढ़ाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाएं नीचे दी गयी है जिसका उपयोग आप अपने डॉक्टर की सलाह से कर सकते है।
- पेडू पर गरम ईंट, रेत या गरम जैल की बोतल से सेंक करें रजः आने लगता है। शीघ्र लाभ हेतु—एरन्ड के पत्तों का पानी में क्वाथ बनाकर (इसी क्वाथ (से) पेडू पर सेंक करें तथा बाद में एरन्ड के गरम-गरम पत्ते पेडू पर बाँधे। कृपया इसको अधिक देर तक ना करें क्योंकि इससे आपका पेट जल सकता है।
- कपास की जड़ों का क्वाथ 5 तोला की मात्रा में 1-2 घंटे पर पिलाने से बन्द मासिकधर्म 5 मिनट में पीरियड लाने का उपाय कर सकते है।
- अशोक की छाल का क्वाथ 5 तोला की मात्रा में 3-4 बार पिलाने से बन्द मासिकधर्म आने लगता है।
- कलौंजी का विधिवत काढ़ा बनाकर उसमें पुराना गुड़ मिलाकर सुबह-शाम पिलाने से मासिकधर्म जारी हो जाता है तथा योनि की पीड़ा आदि दूर हो जाती है। कलौंजी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिए और पढ़े।
- हिंग्वाष्टक चूर्ण इसके सेवन करने से मासिक धर्म बन्द हो जाना, कम होना एवं दर्द से होना इत्यादि में अत्यन्त लाभ होता है। मासिक धर्म आने से 4-5 दिन पूर्व गरम पानी या चाय के साथ दिन में 2 बार खायें। इसका सेवन बच्चा होने के बाद प्रसूता के दर्दों को भी दूर करने तथा रुका हुआ गन्दा स्राव निकालने एवं गर्भाशय को संकुचित कर प्राकृतिक दशा में लाने के अतिरिक्त अजीर्ण, खट्टे डकार, पेट फूलना, पेट में वायु (गैस) और अजीर्ण के दस्तों में भी किया जाता है। सबसे अच्छे हिंग्वाष्टक चूर्ण लेने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें जिनका आप उपयोग आप स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर या दवाई के लेबल के अनुसार कर सकते हो।
- सुहागा खील किया हुआ, हींग, हीरा कसीस, मुसब्बर प्रत्येक औषधि सममात्रा में लें। पीसकर क्वार कन्दल (घीग्वार) के रस में खरल करके 1-1 रत्ती.(120 मिलीग्राम) की गोलियाँ बनालें। 1 से 2 गोलियाँ तक गरम पानी या चाय से खायें।
- काले तिल की जड़, कपास की जड़, सहजन की छाल, ब्रह्म दन्डी की जड़, मुलहठी, सौंठ, गोल मिर्च, पिप्पली सभी सममात्रा में लें। पीसकर कपड़छन चूर्ण सुरक्षित रखें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में पुराने गुड़ के साथ दिन में 2- 3 बार गरम जल से खायें। इसके प्रयोग से बन्द मासिक धर्म खुलकर आ जाता है।
- रजोधर्म के दिनों में वर्षा से भीग जाने या सर्दी लग जाने से मासिक धर्म बन्द हो जाने पर ‘रजः प्रवर्तनी वटी (Raja Pravartini Vati) और हिंग्वाष्टक चूर्ण (Hingwashtak Churna) का सेवन करें। रजः प्रवर्तनी वटी मासिक धर्म बन्द हो जाने, कम आने, रुक जाने, दर्द और कष्ट से आने में अत्यन्त ही उपयोगी है। इसके प्रयोग से गर्भाशय में उत्तेजना, गर्मी और शक्ति आकर मासिक धर्म नियमित रूप से आने लगता है। इस दोनों उत्पादों को अपनी दैनिक दिनचर्या में उपयोग करने के लिए आप खरीद सकते है।
अशोकारिष्ट सिरप फॉर पीरियड्स
अशोकारिष्ट के नियमित सेवन से बन्द या रुका अथवा अल्प मात्रा में दर्द और कष्ट के साथ आने वाले मासिक धर्म के कष्ट नष्ट हो जाते हैं। श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर और गर्भाशय सम्बन्धी सभी रोगों को दूर कर गर्भाशय को शक्तिशाली बनाता हैं। बांझपन नष्ट होता है। इसके अतिरिक्त गर्भाशय या नाक या मुँह अथवा गुदा या छाती से रक्त आने को भी आराम हो जाता है। अशोकारिष्ट लेने के लिए नीचे दिए गये बटन पर क्लिक करें।
निष्कर्ष
पीरियड बंद होने के बाद नियमित मासिक धर्म चक्र को पुनः प्राप्त करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है हालांकि माना जाता है कि कुछ प्राकृतिक उपचार और जीवनशैली में बदलाव से मासिक धर्म को फिर से शुरू करने में मदद मिल सकती है, लेकिन इन तरीकों को सावधानी से अपनाना और पेशेवर सलाह लेना महत्वपूर्ण है। सटीक निदान और उचित मार्गदर्शन के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना आवश्यक है, खासकर यदि मासिक धर्म चक्र में अनियमितता या अनुपस्थिति का अनुभव हो। समग्र स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और चिकित्सा सहायता प्राप्त करना अंतर्निहित कारणों की उचित देखभाल और समझ सुनिश्चित करता है, जो अंततः प्रजनन कल्याण को बनाए रखने में योगदान देता है।