पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर घरेलू उपाय - सबसे आसान तरीके - How to slow down period flow home remedies

पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग होना से देश भर में करीब 22 फीसदी महिलाएं मासिक धर्म के दौरान अत्याधिक रक्तस्त्राव की समस्या से ग्रसित है। आंकडों के अनुसार हर पांच में से एक भारतीय महिला इस समस्या से जूझ रही है। इससे न सिर्फ उनकी कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ता है बल्कि उनकी जिंदगी भी कठिन हो जाती है। यह समस्या आमतौर पर 30 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं में अधिक पाई जाती है। आज इस लेख में हम पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर घरेलू उपाय पर चर्चा करेंगे।

पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर घरेलू उपाय - सबसे आसान तरीके

भारी माहवारी क्या है

अगर आप भारी माहवारी से पीड़ित हैं तो आप संभवतः जानती होगीं कि इसका मतलब है कि नीचे दिए गए मुश्किल लक्षण में से एक या अधिक को अनुभव करना। नैपकिन्स के जरिए सोखा और रोका गया मासिक स्त्राव, जहां हमेशा शर्मिन्दा करने वाली स्थितियों के होने की घबराहट और चिंता बनी रहती है। ऐसी महावारी हो 7 से ज्यादा दिनों तक चलते हैं, मासिक स्त्राव के साथ खून के थक्कों का निकलना, महावारी के दौरान थकान या सांस फूलना (खून की भारी कमी के कारण उत्पन्न एनिमियां की स्थिति के लक्षण) पीरियड रुक रुक के आना क्या कारण है जानने के लिए और पढ़े।

पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग क्यों होती है

गर्भाशय की अन्दरूनी परत जिसे एंडोमेट्रियम कहते हैं, रक्त से बनी होती है तथा प्रत्येक मासिक स्त्राव चक्र के दौरा श्लेष्म का स्त्राव इसे मोटा कर देता है ताकि गर्भाशय निषेचित डिम्बों को स्वीकार करने के लिए तैयार हो सके। अगर निषेचन नहीं हो पाता है तो एंडोमेट्रियम का अधिकांश भाग बहकर निकल जाता है और इसे बहने को आम भाषा में माहवारी या मासिक स्त्राव कहते हैं। ऐसी कई मेडिकल स्थितियां होती हैं जोकि आपके भारी माहवारी का कारण बन सकती हैं या उनकी संभावनाओं को बढ़ा सकती है, जैसेकि

पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग क्यों होती है

हारमोन्स असंतुलन:

भारी माहवारी का एक सबसे आम कारण है हारमोन्स एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्ट्रोन का असंतुलन, इन हारमोन्स के असंतुलन से गर्भाशय की परत सामान्य से ज्यादा मोटी हो सकती है, जिससे माहवारी सामान्य की तुलना में भारी हो सकती है।

फाईब्रियाड्स

आमतौर पर गर्भाशय में कोमल (कैंसर संबंधी नहीं) रेशेदार वृद्धि जिससे भारी माहवारी के साथ-साथ दबाव और दर्द की शिकायत भी पैदा हो सकती है।

पॉलिप्स

आमतौर पर गर्भाशय की परत पर होने वाली कोमल, मांसल वृद्धि। एंडोमैट्रियल कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर, खून के थक्के संबंधी गड़बड़ियां । गर्भ निरोध उपाय के रूप में इंट्रायुटेराइन डिवाइसेस (आईयूडी) का इस्तेमाल करने वाली स्त्रियों को भी अत्यधिक या देर से चलने वाली माहवारी की शिकायत हो सकती है।

थर्माचॉइस युटेराइन बलून थेरेपी

यह एक ऐसी प्रक्रिया है जोकि एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की अंदरूनी परत) को जला देती है। बहुत कम एंडोमेट्रियल ही दोबारा पनप पाता है तथा अधिक रक्त स्त्राव जारी रहने की संभावना भी बहुत कम रहती है। एक बार में उपचार, माहवारी या तो सामान्य हो जाती है या काफी हल्की हो जाती है या बिल्कुल बंद हो जाती है, अस्पताल में भर्ती हुए बिना इलाज कराने वाली रोगी उसी दिन घर लौट सकते हैं। ना चीरा, ना टांके और न ही कोई निशान, 5 साल बाद भी रोगियों में एंडोमेट्रियम कैंसर होने की कोई रिपोर्ट नहीं।

धर्माचॉइस

सुरक्षित तथा असरदार साबित हुआ है और अधिकांश स्त्रियों को यह अधिक रक्तस्त्राव में कमी करके आराम पहुंचाता है। अब तक 250000 से अधिक स्त्रियों का दुनिया भर में थर्मोचाइस से उपचार किया जा चुका है।

थर्माचॉइस की कार्यविधि

एक पतले कैथेटर (टयूब) से जुड़े एक मुलायम, लचीले, बलून को सबसे पहले योनिद्वार और फिर गर्भाशय ग्रीवा के जरिए गर्भाशय तक पहुंचाया जाता है। किसी प्रकार का इसके बाद बलून में इस प्रकार से द्रव भरा जाता है कि यह गर्भाशय का रूप और आकार ग्रहण कर ले। द्रव को गर्म करके गर्भाशय में आठ मिनट तक संचारित किया जाता है जिससे गर्भाशय की परत उपचारित होती है। उपचार के पूरा होने पर सारे द्रव को बलून में वापस खींच लिया जाता है तथा बलून को बाहर निकाल दिया जाता है। गर्भाशय में कुछ नहीं रहता है अगले 7 से 10 दिनों में उपचारित गर्भाशय की परत एक माहवारी की तरह बहकर बाहर निकल जाती है।

पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर घरेलू उपाय

महिलाओं की ब्लीडिंग रोकने की दवा के रूप में आयुर्वेद, एक प्राचीन समग्र उपचार प्रणाली, मासिक धर्म संबंधी चिंताओं सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए प्राकृतिक उपचार और जीवनशैली पद्धतियां प्रदान करती है। आयुर्वेदिक सिद्धांतों को समझने से मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव यानी ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा का उपयोग कर सकते है। इसके अलावा आप Periods ब्लीडिंग रोकने के घरेलू उपाय को भी उपयोग में ला सकते हो जिसमे शामिल है।

  1. लाजवन्ती का 3 ग्राम चूर्ण फांककर ऊपर से बताशों का शर्वत पिलाने से स्त्रियों का मासिक अधिक आना रुक जाता है।
  2. मुलहठी का छिलका उतारकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रखलें। इसे 3 ग्राम की मात्रा में दिन में 3 बार चावल के घोवन (पानी) से 4-5 दिन सेवन कराने से मासिकधर्म की अधिकता का रोग नष्ट हो जाता है।
  3. यदि रोगिणी को रक्ताल्पता अथवा रक्त पतला होने के कारण मासिकधर्म अधिक मात्रा में आ रहा हो तो लौह भस्म 1 रत्ती अनार के शर्बत में मिलाकर दिन में 2-3 बार पिलाते रहना अत्यधिक लाभप्रद है।
  4. हड़ताल गोदन्ती बढ़िया 25 ग्राम को नीम के पत्तों के रस में भली प्रकार खरल करके टिकिया बनालें। फिर नीम की पत्तियों की 60 ग्राम लुग्दी के मध्य में रखकर मिट्टी के प्यालों में बन्द करके 4 किलो उपलों की आग के मध्य में रखकर भस्म बना लें। यह गोदन्ती भस्म रजोधर्म की अधिकता, गर्भाशय से रक्त- स्राव की रामबाण दवा है। इसके अतिरिक्त यह योग नाक, फेफड़ों, गुदा अथवा मूत्रमार्ग से रक्त आने में भी अत्यन्त ही लाभप्रद है।
  5. गुलाब के फूल, लाल चन्दन, पिसे हुए माजू, धाय के फूल, कायफल, अतीस, मजीठ, सूखा आँवला, बंशलोचन, छोटी इलायची के बीज, पाषाण भेद, सूखा धनिया, मोचरस, सफेद राल, शुद्ध केसर, सभी औषधियों को कूट-पीसकर छानकर (समान मात्रा में लें) तथा सभी औषधियों के वजन के बराबर खान्ड मिलाकर सुरक्षित रखलें। इसे 4 से 6 माशा तक सायंकाल 4 बजे गोदुग्ध से सेवन करने से गर्भाशय की कमजोरी और ढीलापन, रक्त प्रदर से बहुत अधिक मात्रा में मासिकधर्म आना मासिक 1 माह में 2-3 बार आना इत्यादि में बहुत ही अधिक लाभ होता है।
  6. बबूल (कीकर) की छाल का क्वाथ बनाकर उससे डूश करना मासिकधर्म की अधिकता में लाभकारी है।
  7. आम की गुठली की गिरी का चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार पिलाना मासिकधर्म की अधिकता में लाभकारी है।
  8. लोध के चूर्ण में खान्ड मिलाकर 8 रत्ती (1 ग्राम) दिन में 2-3 बार खिलाना मासिकधर्म की अधिकता में लाभकारी है।
  9. जीस तथा इमली के बीज की गिरी को सममात्रा में लेकर चूर्ण बनालें । उसे 3 माशा की मात्रा में चावलों के पानी के साथ दिन में 2-3 बार खिलाना मासिकधर्म की अधिकता में अत्यन्त लाभकारी है।
  10. जीस तथा इमली के बीज की गिरी को सममात्रा में लेकर चूर्ण बनालें । उसे 3 माशा की मात्रा में चावलों के पानी के साथ दिन में 2-3 बार खिलाना मासिकधर्म की अधिकता में अत्यन्त लाभकारी है।
  11. गन्धक आमलासार, काली जीरी 1-1 तोला, रसौत 3 माशा, एक्सट्रैक्ट बेलाडोना 3 माशा लें। सभी को मकोय के रस में खरल करके मटर के समान गोलियाँ बनाले। यह 1-1 गोली सुबह-शाम दूध या पानी से खाने से मासिक कम आना, अधिक आना, दर्द से आना, गर्भाशय से स्राव होना तथा प्रत्येक प्रकार के स्त्री (गुप्त) रोगों में रामबाण योग है।

प्रदर कम आने, थोड़े समय तक आने या देर से आने के लिए अशोकारिष्ट 2 तोला समान भाग जल मिलाकर भोजनोपरान्त दिन में 2 बार तथा हिंग्वाष्टक चूर्ण 3 से 5 माशा गरम जल से भोजन के साथ दिन में 2-3 बार खिलाना अत्यन्त ही लाभप्रद है। ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा और पीरियड को सही करने के लिए नीचे दिए गए बटन क्लिक करके आप पीरियड की दवा का नाम जान सकते है। और इन दवाइयों को अपने घर पर मंगा सकते हो।

निष्कर्ष

आयुर्वेद प्राकृतिक उपचार, आहार समायोजन और जीवनशैली में संशोधन के माध्यम से असंतुलन को संबोधित करके मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव के प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव को प्रबंधित करने में घरेलू उपचार और पेशेवर मार्गदर्शन का संयोजन प्रभावी हो सकता है। याद रखें। हालाँकि घरेलू उपचार से राहत मिलती है। लेकिन उचित निदान और उपचार के लिए चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है।

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