जानिए सिर में खुजली और बाल झड़ना कैसे बंद होगा - Home remedies for itchy scalp
रोग परिचय – इसे अंग्रेजी में (Barbers Itch, DeLekee Sycosis Barbee) के नाम से जाना जाता है। यह भी एक हठीला रोग है जो काफी लम्बे समय तक परेशान करता है। यह प्रायः दाढ़ी और सिर के बालों की जड़ों में हुआ करता है। इस रोग में त्वचा के रोम कूपों में पुरानी सूजन होती है जिसके कारण पीपयुक्त, पीली फुन्सियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। पीप निकलकर और सूखकर खुरन्ड बन जाते हैं। इस रोग के कारण बाल कमजोर होकर झड़ने लग जाते हैं तथा इसकी छूत एक से दूसरे व्यक्ति को भी लग जाती है। तो आइए इन सब दिक्कतों को देखते हुए जाने कि सिर में खुजली और बाल झड़ना कैसे बंद होगा वो भी आसान तरीकों से आज ही ।
यह रोग स्टेफिलीकोक्कस नामक कीटाणु के संक्रमण से उत्पत्र होता है। सिर में खुजली और बालों का झड़ना परेशान करने वाला हो सकता है। जिससे न केवल आराम बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर पड़ता है। इन मुद्दों का संयोजन अक्सर संकट का कारण बनता है। हालाँकि, मूल कारणों को समझने और प्रभावी उपचार लागू करने से इन चिंताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
महिलाओं में बाल झड़ने के कारण
रूसी, एक्जिमा या सोरायसिस जैसी सामान्य खोपड़ी की स्थितियां अक्सर खुजली की अनुभूति के माध्यम से प्रकट होती हैं। इसके अलावा बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें आनुवंशिक गड़बड़ी, तनाव, हार्मोनल असंतुलन और अनुचित देखभाल दिनचर्या शामिल हैं। विशिष्ट ट्रिगर्स की पहचान करने से उपयुक्त उपचार तैयार करने में सहायता मिल सकती है। आज आज इस लेख में हम जानेंगे की सिर में खुजली और बाल झड़ना कैसे बंद होगा यानि बाल झड़ना कैसे रोके घरेलू उपाय कैसे किया जा सकता।
कम उम्र में बाल झड़ने के कारण के बारे में पता लगाने के लिए और पढ़े।
आयुर्वेदिक - बाल झड़ने से रोकने की दवा
1. 101 बार का घुला हुआ घी 250 ग्राम, सफेदा और कपूर 12-12 ग्राम, उत्तम (बढ़िया) सिन्दूर 6 ग्राम और चन्दन का तैल 18 ग्राम लें। सभी औषधियों को घी में रगड़कर मरहम बनाकर रोगाक्रान्त चर्म पर मलें। यह समस्त प्रकार के चर्म रोगों का नाराक बाह्य प्रयोगार्थ योग है।
2. शुद्ध आँवलासार गन्धक 12 ग्राम, चिरायता 24 ग्राम, सौंफ चूर्ण 24 ग्राम, नीम का तैल 6 मि.ली. सभी को मिलाकर बड़े साइज के कैपसूलों में भरकर सुबह-शाम 1-1 कैपसूल खिलायें ।
3. नीम के नरम पत्ते, चिरायता के पत्ते, कुटकी, रीठा के छिलके सभी सममात्रा में लेकर कूट पीसकर बबूल के गोंद के साथ 250 मि.ग्रा. की गोलियाँ बनाकर सुरक्षित रख लें। इन्हें 1-2 गोली तक सुबह-शाम ताजे जल से खायें । इसके सेवन से बालों के जड़ों की शोथ, दाद, चम्बल, खुजली, उपदंश, पित्त विकार तथा अन्य चर्म या रक्त विकार नष्ट हो जाते हैं। अनुभूत योग है।
4. सायंकाल को नीम के पत्तों को मोटा-मोटा कूटकर चौगुने जल में मिलाकर भिगोकर रख दें। प्रातःकाल इसे बारीक कपड़े से छानकर इस जल से पीड़ित चर्म को भली प्रकार धोवें ।
तदुपरान्त किसी कलईदार बरतन में विशुद्ध सरसों का तैल 60 मि.ली. लेकर अग्नि पर गरम करके फिर इसमें मेंहदी की हरी पत्तियाँ डालकर इतना उबालें कि पत्तियाँ जल जायें। तब इसको छानकर पीड़ित चर्म पर लगाकर मालिश करें। अतीव गुणकारी है।
5. मजीठ 30 ग्राम, त्रिफला 120 ग्राम, छोटी हरड़ 60 ग्राम, छोटी इलायची के बीज 30 ग्राम तथा स्वर्ण गेरू, कलमी शोरा, कासनी के बीज, गोक्षुर (प्रत्येक 30-30 ग्राम) सनाय 120 ग्राम, गुलाब के फूल 60 ग्राम लें। इन सभी को कूट पीसकर कपड़छन करके सुरक्षित रखलें। यह मंजिष्ठादि चूर्ण का योग है । इसे 3 ग्राम की मात्रा में प्रातःकाल उष्ण जल से सेवन करें।
6. चाय के पेड़ के तेल, एलोवेरा, या सेब साइडर सिरका जैसे प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करने से खोपड़ी की खुजली से राहत मिल सकती है।
बाल टूटने की दवा
1. बाह्योल (ब्राहमी आँवला केश तैल) निर्माता हाइजीनिक रिसर्च इन्स्टी. मुम्बई- 1) बालों को लम्बा, घना व काला बनाये रखता है। रूसी नष्ट कर देता है। मस्तिष्क को तरोताजा रखता है। यह तैल विटामिन ई कैप्सूल से समृद्ध है।
निष्कर्ष:
आज इस लेख में हमने आपको बताया है कि सिर में खुजली और बाल झड़ना कैसे बंद होगा वो भी आसान तरीकों इसके साथ ही खुजली और बालों के झड़ने से निपटने के लिए ट्रिगर को समझने से लेकर लक्षित उपचार लागू करने तक एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। घरेलू उपचार, जीवनशैली में समायोजन और पेशेवर मार्गदर्शन के संयोजन से, स्वस्थ खोपड़ी और बालों का गिरना कम करना संभव बनाया जा सकता है।