बदहजमी का घरेलू इलाज - Home Remedies for Indigestion

रोग परिचय- अजीर्ण को प्राय: एक साधारण रोग माना जाता है, परन्तु याद रहे कि यदि किसी रोगी में यह रोग बहुत पुराना हो गया हो तो उसे धीरे-धीरे मृत्यु के पथ पर धकेलने वाला भी सिद्ध हो सकता है। इसमें कोई अस्पष्टता या अतिशयोक्ति नहीं है। साधारण बोलचाल में बदहजमी का सीधा सा अर्थ है-पाचन विकार, यानी जो कुछ खाया या पिया है उसे पचा नहीं पाना। इस रोग को अग्निमांद्य और मंदाग्नि के नाम से भी जाना जाता है। पेट के डॉक्टर से बात करने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।

बदहजमी का घरेलू इलाज

पुरानी अपच के लिए आयुर्वेदिक दवा - Ayurvedic medicine for chronic indigestion

आज इस लेख में हम अपच के घरेलू उपाय के बारे में बात करेगें जिसकी सहायता से आप अपनी पुरानी से पुरानी अपच की समस्या को दूर कर सकते है ! कुछ आयुर्वेदिक उपचार हिंदी में नीचे दिए गए है जिसकी सहायता से आप अपच की समस्या को खत्म कर सकते हो !

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बदहजमी का घरेलू इलाज - Badhazmi ka ilaj

1. चित्रक (चीता) के मूल का महीन चूर्ण करके सुरक्षित रख लें । इसे 4-4 रत्ती की मात्रा में नित्य प्रति शहद के साथ चाटने से मात्र 45 दिनों में ही लाभ हो जाता है ।

2. टमाटर को आग से कुछ सेककर सेंधा नमक व काली मिर्च लगाकर खाने से भी अजीर्ण रोग नष्ट हो जाता है। अथवा टमाटर का रस 25 ग्राम लेकर उसमें गरम जल तथा अल्प मात्रा में खाने वाला सोड़ा मिलाकर देने से भी अजीर्ण रोग भाग जाता है।

3. दालचीनी, सौंठ तथा इलायची सममात्रा में लेकर पीसलें, अर्थात् चूर्ण बनाकर रख लें । इसे भोजन से पूर्व 1 ग्राम जल से लेना अरुचि (मंदाग्नि) में लाभकर रहता है।

4 .नारंगी का रस आवश्यकतानुसार लेकर उसमें थोड़ा सा नमक और सौंठ का चूर्ण मिलाकर कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ जाती है तथा अजीर्ण रोग नष्ट हो जाता है ।

5 .छाया – शुष्क अनार के पत्ते 4 भाग तथा सेंधा नमक 1 भाग दोनों को महीन पीसकर कपड़छन कर सुरक्षित रख लें। इसे 4 ग्राम की मात्रा में प्रातः सायं प्रतिदिन दो बार जल के साथ सेवन करने से अजीर्ण रोग नष्ट हो जाता है ।

अदरक बदहजमी से राहत दिलाने में फायदेमंद (Ginger Beneficial in Indigestion in Hindi)

6. अदरक का रस 5 ग्राम, नीबू का रस 3 ग्राम, भुना जीरा व संधानमक 1 ग्राम, मुनक्का 5 नग, छोटी इलायची 8-10 नग लें और सबकी चटनी बनाकर दिन में 2-3 बार अजीर्ण के रोगी को चटायें। अत्यन्त लाभप्रद योग है।

7. अदरक का रस 10 ग्राम, नीबू का रस 5 ग्राम सौंचर लवण 1 ग्राम सभी को मिलाकर पिलाने से अजीर्ण रोग नष्ट हो जाता है। नित्य भोजन के साथ उसको सेवन करने से कभी अजीर्ण नहीं होता है ।

8. अदरक की चार अंगुल लम्बी गाँठ को आग से भूनकर सेंधा नमक लगाकर नित्यप्रति खाली पेट कुतर-कुतर कर थोड़ा-थोड़ा कुचल-कुचलकर दाँतों से खाने से पराने से पराना अजीर्ण रोग भी नष्ट हो जाता है।

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अपच को ठीक करने का तरीका - Indigestion Home Remedy

आप अपच या बदहजमी का घरेलू इलाज के अन्य तरीके और नीचे देख सकते हो जिसके माध्यम से अप्प अपनी अपच की समस्या को जड़ से ख़तम कर सकते है ! और अपनी badhazmi ka ilaj कर सकते हो |

9. नीबू स्वरस 200 ग्राम में 100 ग्राम शक्कर मिलाकर 1 काँच की मजबूत कार्क (ढक्कन) युक्त शीशी में भरकर 15 दिनों तक धूप में रखें। तत्पश्चात् इसे भोजन के साथ चाटने से पाचनशक्ति बढ़ जाती है तथा अजीर्ण रोग नष्ट हो जाता है ।

10. धनिये का चूर्ण 3 ग्राम, सौंठ का चूर्ण 3 ग्राम, 10 ग्राम गरम पानी के साथ सेवन कराने से अजीर्ण में लाभ होता है।

11. लाल मिर्च को नीबू के रस में 40 दिनों तक खरल करके 2-2 रत्ती की गोलियाँ बना लें। एक गोली पान में रखकर खाने से अजीर्ण रोग नष्ट होकर भूख लगने लगती है ।

12. धनियाँ तथा सौंठ सम मात्रा में लेकर पानी में औटाकर छान लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पीने से अजीर्ण, बदहज्मी दूर होकर भूख बढ़ती है । तुलसी के पत्तों का रस 100 ग्राम की मात्रा में कुछ दिनों तक लगातार पीने से अजीर्ण का विकार दूर हो जाता है ।

13. सूखे खट्टे अनारदाने में समभ्राग सफेद जीरा और काला नमक मिलाकर गरम पानी के साथ सेवन करने से अजीर्ण दूर हो जाता है।

14. छोटी पीपल का चूर्ण शहद के साथ कुछ दिनों तक नियमित रूप से चाटने से पाचनशक्ति बढ़ जाती है तथा अजीर्ण नष्ट हो जाता है।

15. छोटी हरड़ को भूनकर काले नमक के साथ फंकी लगाने से अजीर्ण आदि समस्त विकार नष्ट हो जाते हैं।

बदहजमी की आयुर्वेदिक दवा - Ayurvedic medicine for gas

16.शक्तिवर्धक चूर्ण – अजवायन, इलायची, काली मिर्च, सौंठ सभी को समान मात्रा में लेकर पीसकर सुरक्षित रख लें। आधा चम्मच सुबह-शाम दो बार पानी से सेवन करायें। यह चूर्ण दुर्बलता नाशक है। टॉनिक के तौर पर इस्तेमाल करायें।

17. छोटी इलायची के बीज, सौंठ, लोंग तथा जीरा, सभी को सममात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रखलें। इसे 2 ग्राम की मात्रा में भोजनोपरान्त सेवन करने से भोजन शीघ्र पच जाता है ।

18. दो ग्राम पिसी कालीमिर्च फाँककर ऊपर से नीबू का रस मिश्रित गरम जल से शाम तथा रात्रि के समय पियें। केवल 10-12 दिनों तक लगातार पीने से पेट में गैस बनना बन्द हो जाता है ।

19. दालचीनी आधा ग्राम तथा इतनी ही मात्रा में सौंठ व बड़ी इलायची (कुल डेढ़ ग्राम) को पीसकर भोजन से पूर्व सेवन करने से भूख बढ़ती है, मन्दाग्नि नष्ट होती है तथा कब्ज मिटती है ।

20. पेट में किसी भी तरह की गड़बड़ी हो, जैसे- अपचन, अग्निमांद्य, पेटदर्द, अथवा अफरा (पेट फूलना) आदि में प्याज का रस अदरक का व लहसुन का रस प्रत्येक 1-1 चम्मच लेकर तथा 3 चम्मच शहद मिलाकर भोजन से पूर्व सेवन करायें । सिरके के साथ प्याज पीसकर सेवन करना भी लाभप्रद है। इसमें अदरक का रस तथा कुछ काला नमक डाल लिया जाये तो अधिक लाभप्रद योग बन जाता है।

21. यदि किसी रोगी की छाती में जलन (गर्मी का असर) हो तो नमकीन शिकंजबीन पिलायें । यदि अजीर्ण से जलन हो तो 10 ग्राम नमक ताजा पानी में घोलकर (डेढ़ दो गिलास पानी में) पिला दें, ताकि वमन होकर छाती अच्छी हो जाये। पुदीना घोंटकर नमक मिलाकर उसमें नीबू की 5 बूँदें निचोड़कर चटाना भी लाभकारी है।

22. यकृत की गड़बड़ी और आँखों के सामने चकाचौंध जान पड़ने पर गरम पानी में नीबू मिलाकर पिलाना चाहिए।

23. एक चुटकी पिसी हुई राई सब्जी में डालकर बनाकर खाने से खाना भली प्रकार हज्म हो जाता है तथा भूख खुलकर लगने लगती है। अर्थात मन्दाग्नि, अरुचि नष्ट हो जाती है।

24. आमाशय को शक्तिशाली बनाने तथा मुँह के छालों से छुटकारा पाने हेतु केवल सौंफ के चूर्ण का प्रतिदिन सुबह शाम अथवा भोजनोपरान्त 6 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इसके प्रयोग से नेत्रों (आँखों) की ज्योति भी बढ़ जाती है।

25. आमाशय में हवा जसा होकर पेट फूलने लगे तब यह लौंग का अर्क प्रयोग करें :- लौंग का चूर्ण डेढ़ ग्राम खौलते आधा लीटर पानी में जब पूरी तरह से भीग जाये तब छानकर प्रयोग में लें। नित्य प्रति इसे दिन में 3 बार 25-25 ग्राम की मात्रा में प्रयोग करायें ।

निष्कर्ष

विशेष नोट – अगर आपको रोज बदहजमी या अपच की समस्या होती है और आपको खाना सही तरह से हजम नहीं होता है तो बिना देर किये डॉक्टर से मिलना चाहिए। और साथ ही आप आपने आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से अपच को ठीक करने अन्य कुछ और तरीके पूछ सकते है या कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां भी ले सकते है! जो नीचे दी गई है।

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