जानिए काली मिर्च यानि Black pepper in Hindi और साथ ही जाने Kali mirch khane ke fayde in Hindi
काली मिर्च जिसे वैज्ञानिक रूप से पाइपर नाइग्रम के नाम से जाना जाता है। दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में से एक है। यह काली मिर्च के पौधे के जामुन से आता है और इसका उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। जिसमें साबुत काली मिर्च, पिसी काली मिर्च और कई मसाला मिश्रणों में एक आवश्यक घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। आज इस लेख में हम kali mirch ke fayde और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे।
काली मिर्च के फायदे - Kali mirch ke fayde in Hindi
काली मिर्च आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला मसाला है जो कई प्रकार के व्यंजनों में स्वाद और सुगंध जोड़ सकता है। इसका सेवन करने पर इसके कई संभावित फायदे और नुकसान भी हैं। उनमें से कुछ यहां हैं:
1. पिसी हुई काली मिर्च 1 ग्राम को चौथाई लीटर मट्ठा में मिलाकर सेवन करने से मृत उदरकृमि अथवा जीवित बाहर निकल जाते हैं।
गुड़ और काली मिर्च के फायदे
काली मिर्च के तीखेपन के साथ गुड़ की मिठास का मिश्रण एक अद्वितीय स्वाद प्रोफ़ाइल बनाता है। यह संयोजन न केवल स्वाद बढ़ाता है बल्कि अपने पूरक गुणों के कारण मिश्रित स्वास्थ्य लाभ भी देता है।
- गुड़ और काली मिर्च दही में मिलाकर खाने से पीनस (जुकाम सड़कर नाक में कीड़े पड़ना) में लाभ होता है।
- गुड़ और काली मिर्च दोनों ही पाचन में सहायता करते हैं। गुड़ शरीर को साफ करने में मदद करता है। जबकि काली मिर्च पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करती है। जिससे पाचन सुचारू होता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संकट कम होता है।
- काली मिर्च में सक्रिय यौगिक सूजन-रोधी गुण प्रदर्शित करते हैं। जबकि गुड़ के खनिज सूजन को शांत करने में योगदान करते हैं। यह संयोजन गठिया और सूजन संबंधी बीमारियों जैसी स्थितियों के प्रबंधन में सहायता करता है।
- काली मिर्च के कफ निस्सारक गुण और गुड़ के सुखदायक प्रभावों के साथ मिलकर खांसी और सर्दी जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं को कम कर सकते हैं। इस प्राकृतिक उपचार का उपयोग पीढ़ियों से श्वसन संबंधी परेशानी को प्रबंधित करने के लिए किया जाता रहा है।
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गुड़ और काली मिर्च के फायदे
शहद जिसे अक्सर तरल सोना कहा जाता है। मधुमक्खियों द्वारा फूलों के रस से उत्पादित एक प्राकृतिक स्वीटनर है। इसकी शर्करा, एंजाइम और एंटीऑक्सीडेंट की संरचना इसे विभिन्न स्वास्थ्य वर्धक गुण प्रदान करती है। दूसरी ओर काली मिर्च जो अपने मसालेदार स्वाद के लिए जानी जाती है। इसमें विटामिन और खनिजों के साथ-साथ पिपेरिन नामक एक सक्रिय यौगिक होता है। जो इसे सिर्फ एक मसाला से कहीं अधिक बनाता है। अन्या बहुत सारी जड़ी बूटियों की जानकारी के लिए और पढ़े।
- काली मिर्च चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से सर्दी व तरी से होने वाली खाँसी, दमा और छाती का दर्द दूर होकर फेफड़ों का कफ निकल जाता है।
- शहद और काली मिर्च के रोगाणुरोधी गुण प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। जिससे शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। इनके संयुक्त प्रभाव से खांसी और सर्दी जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
- काली मिर्च पिपेरिन के चयापचय-बढ़ाने वाले गुण और शहद की प्राकृतिक चीनी के साथ चयापचय कार्यों में सुधार करके वजन प्रबंधन में सहायता कर सकते हैं।
काली मिर्च के फायदे आंखों के लिए
- पिसी हुई काली मिर्च ताजा मक्खन में मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित रूप से चाटते रहने से आँखों की पलकों की सूजन समाप्त होती है और नेत्रज्योति बढ़ जाती है । स्वादानुसार इसमें देशी खान्ड मिला सकते हैं।
- काली मिर्च का बारीक कपड़छन चूर्ण गाय के ताजा दही में घिसकर सुबह- शाम आँख में लगाने से रतौंधी दूर हो जाती है।
काली मिर्च खाने के फायदे - Kali mirch khane ke fayde in Hindi
- 5 ग्राम काली मिर्च 10 ग्राम जीरा लेकर पानी में भली-भांति पीसकर गरम करें। इस मिश्रण में आधा लीटर गरम पानी मिलाकर कुछ समय तक अन्डकोषों को धोने व मर्दन करने से अण्डकोष स्वाभाविक स्थिति में आ जाते हैं।
- काली मिर्च व घी मिलाकर पीने व उसकी शरीर पर धीरे-धीरे मालिश करने से पित्ती उछलने के रोग को आराम आ जाता है।
- दो ग्राम पिसी हुई काली मिर्च को फाँककर ऊपर से नीबू का रस मिले गरम जल को पानी से सायंकाल और रात को 10-12 दिन तक निरन्तर पियें। पेट में गैस बनने का रोग नष्ट हो जाता है।
- काली मिर्च के चूर्ण को पिघले हुए देशी घी में मिलाकर लिंग (इन्द्री) के मुख को ऊपर करके उस पर 2-3 बूंदें टपकाने से (मूत्रावरोध रोग) (रुक-रुक कर और दर्द के साथ मूत्र होना) मूत्र आने लगता है। नोट- कभी-कभी यह क्रिया 2 से 4 बार तक करनी पड़ती है।
- बकरी का पित्त लेकर उसमें काली मिर्च भरदें। फिर इसी काली मिर्च को एक सप्ताह बाद निकाल कर बकरी के दूसरे पित्त में रखें। फिर निकालकर छाया में सुखाकर शुष्क करके सुरक्षित रखलें। वृक्क शूल (दर्द-गुर्दा) में 1 से 2 काली मिर्च गरम पानी से खिलायें। अद्भुत अतीव गुणकारी प्रयोग है।
- गरम दूध में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर अथवा काली मिर्च मिलाई हुई गरम चाय पीने से नया जुकाम ठीक हो जाता है।
- 20 काली मिर्च गुलाब जल में पीसकर रात को चेहरे पर लगाकर प्रात:काल गरम पानी से धोने से कील, मुँहासे, झुर्रियाँ साफ होकर चेहरा चमकने लगता है।
- 30 ग्राम मक्खन से 8 काली मिर्च और शक्कर मिलाकर नित्य प्रति चाटने से स्मरणशक्ति बढ़ जाती है। मस्तिष्क में तरावट आती है तथा कमजोरी भी दूर होती है।
- 1 काली मिर्च लेकर सुई में चुभोकर दीपक की लौ से जला लें इसका धुंआ सूँघने से अथवा 10-15 दानें काली मिर्च के नई चिलम में भरकर (हुक्का) पीने से हिचकी बन्द हो जाती है तथा वातजन्य शिरः शूल भी दूर हो जाती है।
- कालीमिर्च, पीपल, समुद्रफेन प्रत्येक 6-6 माशा, सैंधानमक 3 माशा, काला सुरमा 4 तोला सभी को भली प्रकार पीस व कपड़ छन कर सुरमें की भाँति प्रयोग करते रहने से नेत्र की खुजली, फूला व कीचड़ आना इत्यादि नष्ट हो जाते हैं।
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काली मिर्च खाने के नुकसान - Kali mirch ke nuksan
1. काली मिर्च का अत्यधिक सेवन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को परेशान कर सकता है। और संवेदनशील व्यक्तियों में गैस्ट्रिटिस या हार्टबर्न जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
2. दुर्लभ होते हुए भी कुछ लोगों को काली मिर्च से एलर्जी हो सकती है। और त्वचा पर चकत्ते, खुजली या सूजन सहित एलर्जी प्रतिक्रियाओं का अनुभव हो सकता है।
3. काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है। जिससे उनके अवशोषण या चयापचय पर असर पड़ता है। यदि आप प्रिस्क्रिप्शन दवाएं ले रहे। तो किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें।
4. किसी भी मसाले की तरह, काली मिर्च संदूषण का विषय हो सकती है। जैसे कि फफूंदी या बैक्टीरिया से। इस जोखिम को कम करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली, अच्छी तरह से प्राप्त काली मिर्च खरीदना आवश्यक है।
5. जबकि कई लोग काली मिर्च के स्वाद का आनंद लेते हैं। कुछ लोगों को यह बहुत तीखा या मसालेदार लग सकता है। यह सभी स्वाद प्राथमिकताओं के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।
काली मिर्च की तासीर गर्म है या ठंडी - Kali mirch ki taseer kaisi hoti hai
काली मिर्च की तासीर गर्म होती है। यह तासीर उसके मूल रूप के विषाणुकों और खाने में पाये जाने वाले पाइपरीन की वजह से होती है।
निष्कर्ष
सामान्य तौर पर आपके भोजन में मसाले के रूप में काली मिर्च का मध्यम सेवन सुरक्षित है। और कुछ संभावित स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। हालाँकि, इसके अत्यधिक सेवन या पूरक के रूप में उपयोग करने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए संतुलित आहार के हिस्से के रूप में उचित मात्रा में इसका आनंद लेना सबसे अच्छा है। यदि आपके पास विशिष्ट स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ या आहार प्रतिबंध हैं। तो व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित है।