आज ही जानिए बार-बार बुखार आना घरेलू उपाय और करे अपने घर पर ही बार-बार बुखार आने का इलाज वो भी आसान उपायों के साथ - bar bar bukhar aana ghrelu upaya

आज के समय में बार-बार होने वाला बुखार शरीर के तापमान में लगातार वृद्धि करने वाली एक समस्या बनी हुई है। इस जटिल स्वास्थ्य संबंधी चिंता को विभिन्न कारणों से जिम्मेदार ठहराया जाता है जिनमें संक्रमण, ऑटोइम्यून विकार और सूजन संबंधी बीमारियाँ शामिल हैं। इसलिए इस बीमारी कि आदिक्कता को देखते हुए आज इस लेख में हम आपको बार-बार बुखार आना घरेलू उपाय पर चर्चा कारेगें जिससे आप बार-बार बुखार आने का इलाज करके सभी कारण को खत्तम कर सकते है।

बार-बार होने वाला बुखार आने के समय सटीक निदान और अनुरूप उपचार योजना के लिए समय पर चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है। जबकि पेशेवर चिकित्सा मार्गदर्शन आवश्यक है कुछ घरेलू उपचार भी हैं जिन पर व्यक्ति लक्षणों को कम करने और समग्र कल्याण में सहायता के लिए विचार कर सकते हैं। पर्याप्त आराम, जलयोजन और पौष्टिक आहार बनाए रखना आत्म-देखभाल के मूलभूत पहलू हैं।

इसके साथ ही गुनगुने स्नान से शरीर के तापमान को कम करने में सहायता मिल सकती हैं। तो आईए अब उन पहलुओं पर चर्चा करें जो बार-बार बुखार आना घरेलू उपाय के रूप मे काम करते है।

बार-बार बुखार आना घरेलू उपाय

बार-बार बुखार आने के कारण और उपाय

बार-बार आने वाला बुखार जो अपनी निरंतर प्रकृति की विशेषता है। बार-बार होने वाले बुखार से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए एक जटिल चुनौती बन जाता है। क्योंकि बार-बार आने वाला बुखार लंबे समय तक रहने वाले बुखार के रूप में प्रकट होता है जिसके लिए गहरी समझ की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही इस बुखार के कारण अलग-अलग होते हैं, जिनमें वायरल और बैक्टीरियल एजेंटों जैसे संक्रमणों के साथ-साथ ऑटोइम्यून विकारों और सूजन संबंधी बीमारियों जैसी पुरानी स्थितियों की भी भूमिका होती है।

हल्का बुखार और कमजोरी के कारण बार-बार होने वाली समस्या से निपटने वाले व्यक्तियों समय पर टेस्ट करवा जरूर हैं। ताकि समय पर बुखार का सही कारण पता चल सके। इसलिए अभी अपने बार-बार होने वाले बुखार का सही कारण जानने के लिए नीचे दिए गए बटन कि सहायता से आप अपनी टेस्ट घर बैठे बुक कर सकते है।

बार-बार बुखार आने के कारण और उपाय

इसके अलावा घरेलू उपचार को शामिल करने से अतिरिक्त राहत और सहायता मिल सकती है। इस लेख में हम बार-बार होने वाले बुखार से जुड़ी परेशानी को कम करने के लिए डिज़ाइन किए गए प्रभावी और सुलभ घरेलू उपचारों की एक श्रृंखला के बारे में बताएगें जिनको आप अपनी दैनिक जीवन में शामिल करके बार-बार बुखार आने का इलाज का सकते है। इन उपचारों का उद्देश्य लोगों को बार-बार होने वाले बुखार के प्रभाव को प्रबंधित करने और कम करने के लिए व्यावहारिक उपकरणों के साथ सशक्त बनाना है।

  1. काली मिर्च और तुलसी के पत्ते दोनों को बारीक पीसकर उड़द के बराबर गोलियां बनाकर 2 गोली प्रतिदिन गरम दूध या पानी के साथ सेवन करने से ज्वर जादू की भाँति छू-मन्तर हो जाता है।
  2. नीम की छाल 100 ग्राम को कूटकर मिट्टी के बर्तन में आधा किलो पानी में डालकर इतना औटायें कि पानी एक चौथाई भाग शेष रह जाये। तदुपरान्त इस पानी को छानकर इसमें शहद या मिश्री मिलाकर रोगी को पिला दें तथा चादर ओढ़ाकर लेटने को निर्देशित कर दें। थोड़ी ही देर में पसीना आकर बार-बार होने वाले बुखार उत्तर जाएगा। यदि आवश्यकता हो तो दूसरे दिन भी यह प्रयोग कर सकते हैं। पसीना लाने में अंग्रेजी दवा ‘पैरासिटा मोल’ तथा गुण में ‘क्वीनीन’ का भी बाप है।
  3. जल 250 ग्राम, दूध 500 ग्राम शीशम का बुरादा 6 ग्राम तीनों को मिलाकर खूब औटायें। जब दूध शेष रह जाये तब उतार कर छान लें। और रोगी को पिलायें। यह योग समस्त प्रकार के ज्वरों में अतीव लाभप्रद है।
  4. आक के पीले पत्ते आग में जलाकर भस्म कर लें और आधा ग्राम की मात्रा में लेकर शहद के साथ सेवन करायें। इसके सेवन से शीत ज्वर तत्काल भाग जाता है।
  5. अजवायन 1 तोला सुबह के समय एक कोरी मिट्टी के प्याले में 250 ग्राम पानी में भिगोकर दिन के समय छाया में तथा रात्रि में बाहर ओस में रखें फिर दूसरे दिन सुबह के समय छानकर रोगी को पिलायें। यह क्रम 10-12 दिनों तक जारी रखें। यदि उतने दिनों में ही लाभ न हो तो अधिक समय तक निसंकोच प्रयोग कर सकते हैं। यह योग पुराना ज्वर है – जिसमें हल्की-हल्की हरारत हर समय रहती है तिल्ली और जिगर भी बढ़े हुए हों तो भी शर्तिया लाभ देता है। इसी प्रयोग से रोगी को भूख भी खुलकर लगती है। वैद्य समाज ने इस योग को ‘अजवायन के औषधीय गुण’ नाम दे रखा है।
  6. नीबू में संक्रामक रोगों को शमन करने का गुण होता है। हैजा, टाइफाइड, प्लेंग, संग्रहणी तथा मलेरिया (विषम ज्वर) में नीबू में काली मिर्च, नमक मिलाकर हल्का सा गरम करके चूसना लाभप्रद है।
  7. यदि प्रतिदिन नियत समय पर जाड़ा देकर ज्वर आये तो ज्वर आने से दो घण्टे पूर्व हाथ पैर के नाखूनों पर लहसुन के रस का लेप करना चाहिए तथा साथ ही 5 ग्राम भर लहसुन के रस को उतने ही तिल के तेल में मिलाकर 1-1 घण्टे पर जब तक ज्वर न आ जाये तब तक चाटना चाहिए। ज्वर के चले जाने पर इसे चाटना बन्द कर देना चाहिए। तीन दिन तक यही प्रयोग करें। लाभप्रद योग है।
  8. अदरक के 6 ग्राम रस के साथ समभाग शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार सेवन करना प्रत्येक प्रकार के ज्वर में लाभप्रद है।
  9. नीबू का रस तेज कॉफी में बिना दूध मिलाये सेवन कराना मलेरिया ज्वर के साथ – साथ बार-बार होने वाले बुखार में परम लाभकारी है।
  10. सौंफ यवकुट कर 1 सेर पानी में औटा लें। छानकर 1 तोला मिश्री मिलाकर सुबह, दोपहर, शाम पिलायें। इस प्रयोग को ठंड लगकर बुखार आना घरेलू उपचार के रूप में पर्योग कर सकते है क्योंकि यह प्रयोग शीत ज्वर को उतरता है।
  11. फिटकरी का फूला 3 रत्ती तथा इतनी ही खाँड मिलाकर ज्वर आने से 6 घण्टे पूर्व (3-3 माशा) 2-2 घण्टे के अन्तर से सेवन कराने से ज्वर नहीं चढ़ता है । विषम ज्वर का अत्यन्त लाभप्रद घरेलू योग है। बकरी के दूध के झाग से भी बार-बार होने वाले बुखार नष्ट हो जाता है।

नोट:- बार-बार बुखार का अनुभव करने वाले व्यक्तियों के लिए समय पर चिकित्सा मूल्यांकन आवश्यक है। क्योंकि यह स्वास्थ्य डॉक्टरों को सूजन, ऑटोइम्यून भागीदारी की संभावना का आकलन करने और समय पर बार-बार बुखार आने का इलाज करने मे मदद करता है। अभी बार-बार बुखार आने कि सही जानकारी पाने के लिए डॉक्टर से बात करें।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आपको बताया है कि बार-बार बुखार आना घरेलू उपाय क्या हो सकते है और इन उपाय को बुखार उतारने के लिए कैसे लिया जाता है। बार-बार आने वाले बुखार की इस खोज में हमने इसकी परिभाषा, कारण, निदान और उपचार के विकल्पों पर गहराई से विचार किया है। हमारी यात्रा का उद्देश्य अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान करना है। जो बार-बार होने वाले बुखार से उत्पन्न चुनौतियों के प्रबंधन और उन पर काबू पाने की राह पर चलने वालों को समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करता है।

बार-बार बुखार आना शारीरिक और भावनात्मक रूप से थका देने वाला हो सकता है। जिससे रोगी का अक्सर दैनिक जीवन बाधित हो जाता है। जबकि संपूर्ण निदान और उपचार योजना के लिए पेशेवर चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

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