आइए जाने कि पीरियड खुल के आने के लिए क्या करे - How to make your period come faster In Hindi

महिलाओं का स्वास्थ्य न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि परिवारों और समुदायों की भलाई के लिए सर्वोपरि महत्व रखता है। मासिक धर्म, जिसे अक्सर पीरियड्स भी कहा जाता है। एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है जो एक महिला के प्रजनन स्वास्थ्य को चिह्नित करती है। इसकी नियमितता को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना और अनियमित मासिक धर्म को सही करने का तरीका जानना समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। आज इस लेख में हम जानेंगे कि पीरियड क्या होता है और इनको एक महिला के अच्छे स्वास्थ्य के लिए पीरियड जल्दी लाने का उपाय पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे कि पीरियड कम आने के नुकसान एक महिला को क्या हो सकते है।

आइए जाने कि पीरियड खुल के आने के लिए क्या करे

पीरियड क्या होता है - Period in Hindi

मासिक धर्म चक्र एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो एक महिला के शरीर में आमतौर पर हर महीने होती है। यह संभावित गर्भावस्था के लिए शरीर की तैयारी का तरीका है। यह चक्र मासिक धर्म के पहले दिन से शुरू होता है। जिसे आमतौर पर पीरियड के रूप में जाना जाता है। मासिक धर्म गर्भाशय की परत का मासिक स्राव है। यह प्रजनन आयु की महिलाओं में होता है और संभावित गर्भावस्था के लिए शरीर की तैयारी का प्रतीक है। जिसमें ओव्यूलेशन नामक प्रक्रिया में अंडाशय से एक अंडा निकलता है। यदि अंडाणु शुक्राणु द्वारा निषेचित नहीं होता है तो गर्भावस्था के लिए गर्भाशय की परत की आवश्यकता नहीं होती है। इस समय के दौरान गर्भाशय रक्त के साथ अपनी परत को त्याग देता है। जो योनि के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। आइए अब पीरियड आने की सही उम्र जानें।

पीरियड आने की सही उम्र क्या है

जब किसी महिला या लड़की को पहली बार मासिक धर्म आता है,तो उसे मेनार्चे (menarche) कहा जाता है। ये चक्र हर महिला में अलग-अलग हो सकता है। आम तौर पर यह 12 से 14 साल की उम्र के बीच शुरू होता है लेकिन इससे पहले या बाद में होना पूरी तरह से सामान्य है। इसके अलावा यह कुछ लड़कियों को पहली माहवारी 9 या 10 साल की उम्र में हो सकती है। जबकि अन्य को 16 साल या उससे अधिक उम्र तक इसका अनुभव भी नहीं होता। मासिक धर्म चक्र की अवधि अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग हो सकती है इसमें परेशनी वाली कोई बात नहीं है क्योंकि आमतौर इसका चक्र लगभग 28 दिनों में एक बार चलता है जो की कम या अधिक भी हो सकता है। हार्मोनल परिवर्तन, तनाव, आहार और कई अन्य कारक मासिक धर्म चक्र की नियमितता को प्रभावित कर सकते हैं। पीरियड रुक रुक के आना क्या कारण है के बारे में जानने लिए और पढ़े।

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पीरियड कम आने के नुकसान

पीरियड रुक रुक के आना या काम आने से कई प्रकार के गर्भाशय के रोग जैसे — गर्भाशय की पीड़ा, गर्भाशय की शोध, गर्भाशय में पानी पड़ जाना, हिस्टीरिया आदि तथा अजीर्ण, यकृत दोष, वृक्क शोथ, उन्माद, जलोदर, पक्षाघात, सिर चकराना, सिर- दर्द जैसे रोग हो जाते हैं। जिससे हार्मोनल असंतुलन या प्रजनन संबंधी समस्याओं का जो संभावित रूप से प्रजनन क्षमता यानी बांझपन जैसी समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा यदि विशेष रूप से जब पीसीओएस (PCOS) जैसी स्थितियों से जुड़ कर एस्ट्रोजन का स्तर कम कर देता है जिससे हड्डियों का घनत्व प्रभावित होकर ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है। यदि आपको मासिक धर्म में देरी का अनुभव हो रहा है। और यदि आप यह समझते है कि यह गर्भावस्था के कारण नहीं है। तो अंतर्निहित कारणों का पता लगाने के लिए और इससे सम्बंधित उचित कदम उठाने के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना आवश्यक है। अपनी समस्या का बिना डरे समाधान करने के लिए अभी नीचे दिए बटन पर क्लिक करके डॉक्टर से बात करें। आइए अब पीरियड्स नहीं आने पर क्या करना चाहिए इसके बारे में जानें।

पीरियड खुल के आने के लिए क्या करे - Period jaldi lane ke upay

यदि आप पीरियड जल्दी लाने का उपाय यानि मासिक धर्म की शुरुआत को प्रोत्साहित करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं। कुछ रोगियों एक प्रशन है कि पीरियड लेट हो तो क्या करे तो आप सही स्थान पर है क्योंकि आयुर्वेद चिकित्सा एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है। जो मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने में मदद कर सकती है। आयुर्वेद चिकित्सा के कुछ नुक़्ते नीचे दिए गए है। जिनका उपयोग आप पीरियड्स लाने के उपाय के रूप में कर सकते है। पीरियड में कम ब्लड आए तो क्या करें या रुक कर मासिक धर्म की नियमितता को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद में सुझाए गए कुछ तरीकों में शामिल हैं:

  1. इन्द्रायण के बीज 4 ग्राम, काली मिर्च 6 नग दोनों को कूटकर 200 ग्राम जल में पकाकर जब 50 ग्राम शेष रह जाने पर उतारकर – छानकर पिलायें । इस प्रयोग से रजोदर्शन यानी पीरियड खुल के आने प्रारम्भ हो जाते है।
  2. मूली के बीज और काले तिल 10-10 ग्राम लेकर 250 ग्राम पानी में औटावें । जब पानी चौथाई रह जाए तब उतारकर छान लें और इसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर दिन में 3-4 बार पीने से मासिकधर्म खुलकर आना प्रारंभ हो जाता है।
  3. कच्चा सुहागा 3 ग्राम, केसर 2 ग्रेन लें। दोनों को खरल में बारीक घोटकर प्रातःकाल ठण्डे पानी के साथ देने से मासिकधर्म की अनियमितता का रोग नष्ट हो जाता है। (दूसरी खुराक देने की आवश्यकता बहुत कम पड़ती है) मासिक धर्म के 2-3 दिन पूर्व इस प्रयोग को करने से मासिक धर्म नियत समय पर खुलकर आने लगता है।
  4. इसके अलावा अशोकारिष्ट, अशोक घृत, रजः प्रवर्तनी वटी इत्यादि का सेवन इस रोग में अत्यन्त ही लाभप्रद है । मासिक लाने वाली औषधियाँ मासिक आने से 5-7 दिन पूर्व प्रयोग करना प्रारम्भ कर दें तथा आने के दिनों में भी प्रयोग जारी रखें। और समापत होने पर आप बंद स्वास्थ्य पेशेवर की सलाह से बंद कर सकते है। दवा का प्रयोग के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लीक करके आप पीरियड खुल के आने की टेबलेट और सिरप को आसानी से अपने घर मंगा सकते हो।

निष्कर्ष

पीरियड्स नहीं आने के बाद नियमित मासिक धर्म चक्र को पुनः प्राप्त करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जो जीवनशैली समायोजन, प्राकृतिक उपचार, चिकित्सा हस्तक्षेप और पेशेवर मार्गदर्शन पर विचार करता है। अंतर्निहित कारणों को समझना और उपयुक्त रणनीतियों को अपनाना सामान्य मासिक धर्म पैटर्न को बहाल करने, समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक करके स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से अभी संपर्क करें।

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