करें घर पर ही आंव का रामबाण इलाज और साथ में जाने लक्षण, कारण और आंव का घरेलू उपचार - नहीं तो हो सकते है नुकसान - || Aanv ka Ramban ilaj in Hindi ||
आज की भाग-दौर भारी जिंदगी में जहां मनुष्य अनेक बीमारियों से झुज रहा है वही एक और बीमारी ने अपना स्थान बना रखा है जिसका नाम है पेचिश यानि आंव की बीमारी जो मुख्य एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण है जिसमें रोगी को आंतों की सूजन हो जाती है। आंव रोग मुख्यत दो प्रकार का होता है जिसको सफेद आंव और खूनी आंव के नाम से जाना जाता है। जिससे रक्त और बलगम के साथ गंभीर दस्त, पेट में दर्द और बुखार जैसे लक्षण होने के साथ – साथ आँतों और मलाशय में ऐंठन उत्पन्न होती रहती है तथा पीड़ा भी होती है। मल उतरने में कष्ट होता है जोर लगाने पर सफेद और खूनी दो प्रकार की आँव निकलती है। आँव यानि पेचिश की ये सब दिकतों को देखते हुए आज इस लेख में हम आपको आंव का रामबाण इलाज के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी देगें जो इसको प्रभावी रूप से ठीक होने में मदद करेगी।
मल में आंव आना एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण है जो मुख्य रूप से बृहदान्त्र को प्रभावित करता है। जिससे सूजन होकर गंभीर दस्त लगते है। यह स्थिति अक्सर पेट दर्द, बुखार और खूनी मल के साथ होती है। इसके साथ ही इसमें कभी – कभी सफेद बलगम के साथ दस्त आते है। इसलिए इस संभावित गंभीर बीमारी के त्वरित और प्रभावी प्रबंधन के लिए पेचिश के कारणों, लक्षणों और उपचार को समझना महत्वपूर्ण है।
पेट में आंव के लक्षण - pet me aanv ke lakshan
पेचिश (आंव) का प्रमुख लक्षण मल में सफेद बलगम आना और खूनी दस्त है जो अक्सर नीचे दिए गए लक्षणों के साथ होता है:
- पेट में दर्द और ऐंठन – असुविधा अक्सर पेट के निचले हिस्से में अधिक होती है।
- बुखार और ठंड लगना
- समुद्री बीमारी और उल्टी
- तरल पदार्थ की कमी के कारण निर्जलीकरण
- मल त्याग करने की तत्काल आवश्यकता
पेट में आंव क्यों बनता है - aanv padne ke karan
आंव आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरल या परजीवी संक्रमण के कारण होता है। जैसे की पहले ही कहा गया है की यह दो प्रकार की होती है जिसमें एक खूनी आंव जिसका दूसरा नाम बैसिलरी पेचिश होता है जो अक्सर शिगेला बैक्टीरिया (ई. कोली) के कारण होता है। इसके अलावा यह दूषित भोजन, पानी या सीधे व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क के माध्यम से भी फैलती है।
इसके अलावा अमीबिक पेचिश जिसको सफेद आंव के नाम से भी जाना जाता है जिसका होने का कारण एक प्रोटोजोअन परजीवी एंटामोइबा हिस्टोलिटिका होता है। षित भोजन और पानी संक्रमण के सामान्य स्रोत हैं।
आंव का रामबाण इलाज - Aanv ka Ramban ilaj in Hindi
वैश्विक स्वास्थ्य की चल रही खोज में शोधकर्ता और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर ने आंव के लिए रामबाण इलाज खोजने की दिशा में कुछ आंव का घरेलू उपचार पर चर्चा की है जो आंतों की गंभीर सूजन को कम करने मे मदद करते है। पेचिश के लिए एक सफल रामबाण न केवल लाखों लोगों की पीड़ा को कम करने का वादा करता है बल्कि स्वास्थ्य समानता और रोग उन्मूलन में वैश्विक प्रयासों में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। तो आइए आंव का रामबाण इलाज के कुछ घरेलू उपायों पर चर्चा करें जो पुरानी आंव का इलाज करने में मदद करते है।
- प्याज 60 ग्राम को छीलकर महीन कूट लें और उसे 5-6 बार जल से धोकर 240 ग्राम गाय के ताजा दही के साथ खायें, यह 1 खुराक है। दोपहर और शाम को ऐसी खुराकें लें। 2-3 दिन में रोग जड़मूल से नष्ट हो जाता है।
- राल 20 ग्राम लेकर बारीक कूट-पीसकर कपड़छन कर लें। इसकी 3 पुड़ियां बना लें। प्रतिदिन 1 पुड़िया 100 ग्राम दही में चीनी मिलाकर रोगी को सेवन करायें। केवल तीन दिन में पूर्ण आराम हो जायेगा।
- काकड़ा सिंगी 10 ग्राम को कूट-पीसकर शीशी में भरकर सुरक्षित रख लें। इसे 1 से 2 ग्राम की मात्रा में 4-4 घंटे के अन्तराल से दही में मिलाकर सेवन करने से एक ही दिन में लाभ हो जाता है।
- केले की फली खाँड़ लगाकर खाने से पेचिश में लाभ होता है।
- सौंफ 5 तोला तथा इतनी ही छोटी भुनी हरड़ दोनों का चूर्ण कर उसमें 10 तोला खांड़ मिलाकर डेढ़ तोला तक की मात्रा में पानी या चावल के मांड के साथ लेने से दोनों प्रकार की पेचिश मिटती है।
1. खूनी आंव का उपचार
- राल 25 ग्राम और मिश्री 50 ग्राम दोनों को कूट-पीसकर कपड़छन कर सुरक्षित रख लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में 3-4 बार 50 ग्राम दही में मिलकर लाल आंव की दवा के रूप में प्रयोग करने से दस्तों में रक्त एवं शूल एक ही दिन में बन्द हो जाता है।
- धनिया 15 ग्राम पानी ठंडाई की भांति घोट-छानकर मिश्री मिलाकर सेवन कराने से रक्तातिसार (पेचिश यानि खूनी आंव का उपचार ) में 1 ही दिन में लाभ हो जाता है।
2. सफेद आंव का इलाज
छोटी हरड़ 20 ग्राम, सौफ 20 ग्राम दोनों को कूट पीसकर रख लें फिर इसमें 20 ग्राम मिश्री मिला लें। प्रातः सायं 6-6 ग्राम चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से सफेद आंव वाली पेचिश शर्तिया नष्ट हो जाती है।
फिटकरी का फूला तथा सफेद राल 2-2 तोला, सोना गेरू 1 तोला, अनार के फल का छिलका 1 तोला सभी को पीसकर जल में घोटकर 4-4 रत्ती की गोलियां बनाकर सुखा लें। यह 1-2 गोली जल से दिन में 3-4 बार अवस्थानुसार दें। यह योग प्रत्येक प्रकार के अतिसार, प्रवाहिका में लाभप्रद है। इसके साथ ही यह सफेद आंव वाली पेचिश में विशेष लाभ करता है। और यह खूनी आंव का उपचार के लिए भी परम उपयोगी है।
पेचिश के अंतर्निहित कारण का सटीक निदान करने के लिए समय पर हस्तक्षेप आवश्यक है। लगातार या गंभीर लक्षणों का अनुभव होने पर पेचिश के लिए चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है। यदि किसी व्यक्ति को बार-बार खूनी दस्त, पेट में ऐंठन, बुखार, या अत्यधिक प्यास, कम पेशाब या चक्कर आना जैसे निर्जलीकरण के लक्षण विकसित होते हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। अभी अपने पेट के डॉक्टर से फोन पर विडिओ कॉल से बात करने के लिए दिए गए बटन पर क्लिक करें।
निष्कर्ष
मल में आंव आना (पेचिश) आज की दुनिया में एक विकट स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। जो लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर दबाव डाल रही है, खासकर सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों में। इसलिए इन सब दिक्कतों को देखते हुए आज इस पोस्ट में हमने आपको बताया है कि आंव का रामबाण इलाज क्या हो सकते है जिनका उपयोग आप आंव का घरेलू उपचार के रूप में घर पर कर सकते हैं।
इसके अलावा स्वच्छता प्रथाओं के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना, स्वच्छ पानी तक पहुंच की सुविधा प्रदान करना और स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना इस बीमारी से निपटने के लिए बहुमुखी दृष्टिकोण के आवश्यक घटक हैं। सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर हम एक ऐसे भविष्य की दिशा में प्रयास कर सकते हैं जहां पेचिश (आंव) अब एक व्यापक खतरा नहीं है।